❞ كتاب औरत के हक में ❝ ⏤ تسليمة نسرين
पुरुष शासित समाज में स्त्रियों के अधिकार और नारी मुक्ति को लेकर चाहे जितने बड़े-बड़े दावे पेश किये जायें, नारे लगाये जायें और चाहे जितनी बातें की जायें, बांग्लादेश की लेखिका तसलीमा नसरीन का स्वर, निस्सन्देह, सबसे भास्वर है। उनके लेखन का तेवर सर्वाधिक व्यंग्य मुखर और तिलमिला देने वाला है। संस्कार मुक्त प्रतिवादी और बेबाक तसलीमा ने अपने 'निर्वाचित कलाम' द्वारा बांग्लादेश में एक ज़बरदस्त हलचल सी मचा दी और जैसा कि तय था, विवाद के केन्द्र में आ गयीं। इस अप्रतिम रचना को आनन्द पुरस्कार से सम्मानित किये जाने की ख़बर से सारे देश में इस कृति के प्रति स्वभावतः कौतूहल गया। उक्त रचना के साथ उनके द्वारा इसी विषय पर लिखित उनके अन्य लेखों को भी प्रस्तुत संस्करण में सम्मिलित कर लिया गया है। इस कृति में तसलीमा के बचपन से लेकर अब तक की निर्मम, नग्न और निष्ठुर घटनाओं और अनुभवों के आलोक में नये सवाल उठाये गये हैं, जिनसे स्त्रियों के समान अधिकारों को एक सार्थक एवं निर्णायक प्रस्थान प्राप्त हुआ है। प्रस्तुत कृति में पुरुष शासित समाज में स्त्रियों की दुर्दशा का हू-ब-हू चित्रण है। स्त्री-भोग्या मात्र है और धर्मशास्त्रों ने भी उसके पाँवों में बेड़ियाँ डाल रखी हैं। ईश्वर की कल्पना तक में परोक्षतः नारी-पीड़ा का समर्थन किया गया है। सामाजिक रूढ़ियों के पालन में, और दाम्पत्य जीवन के प्रत्येक क्षेत्र में यानी स्त्रियों के किसी भी मामले में पुरुषों की लालसा, नीचता, आक्रामकता और निरंकुश अधिकार भाव को तसलीमा ने खुलेआम चुनौती दी है। अपनी दुस्साहसपूर्ण भाषा-शैली और दो टूक अन्दाज़ में अपने विचारों को इस तरह रखा है कि पाठक एकबारगी तिलमिला उठता है।
تسليمة نسرين - تسليمة نسرين مواليد 25 آب (أغسطس) 1962 هي كاتبة تحمل الجنسية السويدية من أصل بنغلاديشي وطبيبة سابقة، عاشت في المنفى منذ عام 1994.
بدأت بكتابة الشعر في أواخر ثمانينيات القرن العشرين، لكنها حصلت على شهرة عالمية بحلول نهاية القرن العشرين بسبب مقالاتها ورواياتها التي ناصرت فيها المرأة وانتقاد الأديان بشكل عام ونقد الإسلام بشكل خاص بعد ارتدادها من الإسلام.
منذ أن غادرت بنغلاديش في 1994 بسبب تلقيها مكالمات تهديد، عاشت تسليمة في عدة دول؛ في حزيران (يونيو) 2011، عاشت تسليمة في نيو دلهي.
تعمل تسليمة على بناء مفاهيم الإنسانية العلمانية، حرية الفكر، المساواة أمام القانون، وحقوق الإنسان عن طريق النشر وإلقاء المحاضرات والحملات التثقيفية.
❰ لها مجموعة من الإنجازات والمؤلفات أبرزها ❞ العار LAJJA ❝ الناشرين : ❞ دار منشورات إبييدي ❝ ❱
من فكر وثقافة - مكتبة الكتب والموسوعات العامة.